Aims & Objectives

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Objective

  • महात्मा गांधी के जीवन मूल्यों और उनकी प्रासंगिकता के बारे में युवा पीढी को संदेश ।
  • छात्र समुदाय की स्वर्गीय श्री राजीव गांधी के 21वी सदी के भारत के नवनिर्माण में भागीदारी।
  • छात्रो में भारतीय संविधान की भावनाओं के अनुरूप धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और लोकतंत्र आधारित विचारधारा का विकास।
  • राष्ट्र के प्रति समर्पण एवं गौरव का भाव विकसित करना।
  • सत्य,अहिंसा, अपरिग्रह, श्रम के महत्व एवं सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता का विकास।
  • भारतीय संस्कृति के बारे में ज्ञान एवं उसकी गौरवशाली परम्पराऔ का प्रचार एवं स्वाधीनता आन्दोलन में स्वतत्रंता सेनानियों, महापुरूषों, लेखकों, साहित्यकारों, पत्रकारों की भूमिका की जानकरी।
  • सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास एवं मूल्यों पर आधारित शिक्षा के विकास हेतु प्रयास।

Aims

  • राजीव गांधाी स्टडी सर्कल के उद्धेश्यो की पूर्ति हेतु सेमिनार, कार्यशाला , सम्मेलन और प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन।
  • स्टडी सर्कल के विभिन्न कार्यक्रमों एवं अन्तर्महाविद्यालय गतिविधयों का आयोजन एवं फेेकल्टी का आदान प्रदान।
  • महात्मा गांधी के आदर्शो एवं जीवन मूल्यों के प्रचार प्रसार हेतु विद्यार्थियो एवं शिक्षकों का चयन एवं प्रशिक्षण।
  • विद्यार्थियों एवं शिक्षको की उपलब्धियो को सम्मानित करने हेतु कार्यक्रम।
  • आर्थिक और समाजिक समस्याओ पर चर्चा एवं विचार गोष्ठियों का अयोजन।
  • एनएसएस,एनसीसी, स्काउट्स, गाइड, यूथष् क्लब,नेहरू, युवक केन्द्र एवं अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ संयुक्त जन कल्याण के कार्यक्रम।
  • ’’वसुधैव कुटुम्बकम् ’’ की भावना का विकास करने वाले कार्यक्रमो का आयोजन।
  • आपदा प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण, सूचना का अधिकार, जल संरक्षण एवं प्रबंधन इत्यादि विषयों पर प्रशिक्षण शिविरोें का अयोंजन।
  • विभिन्न सरकारी गैर सरकारी जनकल्याणकारी योजनायों के बारे में जन साधारण में जागरूकता।
  • महिला सशक्तिकरण तथा मानव अधिकारों के संरक्षण हेतु प्रशिक्षण।
  • सत्य अहिंसा आधारित शांति और सद्भाव के लिए अन्तर्राष्ट्रीय समझ पैदा करने की दिशा में कार्य ।
  • बेहतर स्वास्थ और स्वच्छता के प्रति जागरूकता, बढती हुई जनसंख्या तथा एचआईवी एण्ड्स जैसी बीमारियों के खतरों के प्रति सचेत दृष्टि का विकास।
  • सभी प्रकार के भ्रष्टाचार, सामाजिक कुरीतियों एवं शोषण के विरूद्व संघर्ष के लिए प्रतिबद्धता का विकास।
  • खेल, कला, साहित्य, संस्कृति, सामाजिक एवं आर्थिक विकास, विज्ञान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम।
  • श्रोजगार के अवसरों की जानकारी एवं उद्यमशील गुणों के विकास हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम।
  • रचनात्मक गतिविधियों को अधार बनाकर निःशक्तजन असहाय लोगो के लिए प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन।